लखनऊ हिंसा: योगी सरकार ने शहर के चौराहों पर लगाए दंगाइयों के पोस्टर, 1 करोड़ 55 लाख वसूलने की तैयारी
नागरिकता संशोधन कानून की आड़ में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिंसा के बाद योगी सरकार की कार्रवाई लगातार जारी है. सीएम योगी के आदेश पर दंगाइयों के पोस्टर लखनऊ के चौराहों पर लगाए जा रहे हैं. इन पर प्रदर्शन की आड़ में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप है. इनमें से कई आरोपियों को संपत्ति के नुकसान की वसूली का नोटिस दिया जा चुका है. लखनऊ के हजरतगंज चौराहे के अलावा इस तरह के कई पोस्टर शहर के अन्य इलाकों में लगाए गए हैं.
जानकारी देते हुए डीएम अभिषेक प्रकाश ने बताया कि मजिस्ट्रेट जांच में 57 लोग दोषी पाए गए हैं, इन लोगों की संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई की जाएगी. हिंसा के दौरान हुए नुकसान के लिए 1 करोड़ 55 लाख रुपए की वसूली की जानी है।.हिंसा करने वाले सभी लोगों की पहचान कर ली गई है, किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा. अभी हाल ही में ठाकुरगंज से 10 और कैसरबाग से 6 आरोपियों को पहचान की गई है और उनके खिलाफ 69 लाख 48 हजार 900 रुपए का जुर्माना भरने का नोटिस जारी किया गया है. अहम बात यह है कि इसमे शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष कल्बे सादिक के बेटे सिब्तैन नूरी का भी नाम शामिल है.
एडीएम ने शुभम सिनेमा, कैसरबाग में हुए सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की सम्पत्तियों को हुई क्षति का कुल मूल्यांकन एक लाख 75 हजार रुपए किया है. इसी तरह सतखंडा, हुसैनाबाद में हुई सम्पत्तियों की क्षति का मूल्यांकन 67 लाख 73 हजार 900 रुपए किया गया है.अगर आठ अप्रैल तक धनराशि जमा नहीं होती है तो आरोपियों की सम्पत्ति कुर्क कर के वसूली की जाएगी. आदेश के अनुसार ठाकुरगंज में 14 और कैसरबाग में 15 आरोपी बनाए गए थे. ठाकुरगंज में चार और कैसरबाग में 9 आरोपियों पर सुनवाई के दौरान दोष सिद्ध नहीं हुआ.
बता दें कि बीती 19 दिसम्बर को राजधानी में सीएए के विरोध में 10 हजार लोग सड़कों पर उतरे थे. इस दौरान बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ और आगजनी भी हुई थी. आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमों के आधार पर शहर के तीन क्षेत्रो की कोर्ट से अलग अलग निर्णय सुनाया गया. खदरा और डालीगंज में हुई हिंसा पर एडीएम टीजी, हजरतगंज और परिवर्तन चौक पर एडीएम सिटी पूर्वी, कैसरबाग और ठाकुरगंज में हुई हिंसा पर दर्ज मुकदमों के बारे में एडीएम सिटी पश्चिम की कोर्ट से फैसला सुनाया जा चुका है.