अयोध्या : सिंचाई विभाग में ड्रेन सफाई घोटाले की जांच शुरू,सांसद लल्लू सिंह की शिकायत पर जांच के लिए पहुंची टीम

खबर वरिष्ठ पत्रकार आनंद मोहन पांडेय की पेज से
अयोध्या : सिंचाई विभाग में हड़कंप मचा है।हड़कंप इसलिए कि बीते वित्तीय वर्ष 2019-20 में उसे 50 लाख रुपये ड्रेन सफाई के लिए मिला था। सांसद लल्लू सिंह की शिकायत है की सफाई न करा भुगतान चहेते ठेकेदारों को कर दिया गया। आरोप ड्रेनेज सफाई को आवंटित धनराशि के बंदरबांट का है। सांसद की शिकायत के बाद प्रमुख अभियंता व विभागाध्यक्ष ने शारदा सहायक समादेश के प्रशासक की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी के दो सदस्य अधिशासी अभियंता हैं। यह कमेटी बुधवार को जांच करने पहुंच गई।सिंचाई विभाग में जांच कमेटी पहुंचने का सन्नाटा साफ दिख रहा था। बमुश्किल तीन बाबू को छोड़कर कोई भी नहीं था जबकि 33 फीसद कर्मचारियों की रोस्टर के हिसाब से उपस्थिति होने का शासन का आदेश है।
ऑफिस में मौजूद बाबू ने बताया अधीक्षण अभियंता एकादश मंडल एसके सिंह व एक्सईएन मनोज सिंह के अलावा उपखंड के सहायक अभियंता व जेई अभिलेख के साथ सत्यापन कराने मौके पर गए हैं। बाबुओं की माने तो टेंडर न निकाल कर उच्चाधिकारी से अनुबंध की अनुमति के आधार पर चहेते ठेकेदारों के नाम पर यह खेल खेला गया। सांसद की शिकायत के बाद मामला गंभीर हो चला तो इंजीनियर एक दूसरे पर दोषारोपण करने लगे हैं।अधीक्षण अभियंता एकादश मंडल एसके सिंह व एक्सईन मनोज सिंह से उनके मोबाइल पर बात करने के लिए कई बार कॉल किया गया। एक्सईन का मोबाइल नेटवर्क में न होने को बताता रहा। वहीं अधीक्षण अभियंता के मोबाइल पर कॉल नो रिप्लाई रही। खबर के संबंध में व्हाट्सएप मैसेज को भी नजर अंदाज कर दिया।ठेकेदारों की माने तो सिंचाई विभाग में यह खेल नया नहीं है। सिल्ट सफाई के लिए आवंटित धनराशि में विधानसभा क्षेत्रवार आवंटन करने के बाद यह खेल अक्सर खेला जाता है। छोटी मोटी शिकायतों को तो इंजीनियर सुनते ही नहीं।मामला तब बिगड़ता है जब जनप्रतिनिधि शिकायत करते हैं। उस वक्त संबंधित माइनर की सिल्ट सफाई करा इंजीनियर इलाकाई ठेकेदारों को लगा शिकायत मैंनेज करा लेते हैं। इस बार विभाग को पता तब चला जब सांसद ने शिकायत की जांच के लिए कमेटी गठित करा दी। तीन दिन में जांच रिपोर्ट सौंपें जाने ने इंजीनियरों की मुश्किलें बढ़ा दी है।
