27 रोजे पर विशेष : हजार रातों से अफजल है रमजान की 27 वीं रात-हाफिज महमूद
इस रात अल्लाह अपने बंदों पर बेहद करम व फजल फरमाता है।रमजान गरीबों-जरूरतमंदों की मदद करने व नेक इंसान बनने का जरिया है।
आज 27 वीं रमजान पर विशेष
मवई(अयोध्या) ! रहमत बरकत व मगफिरत के पवित्र माह-ए-रमजान की 27वीं रात सबसे खास होती है।इस रात लगभग सभी मस्जिदों में होने वाली तरावीह की नमाज में कुरान पाठ मुकम्मल होती है।लेकिन इस बार पूरी दुनिया में फैली कोरोना जानलेवा बीमारी के मद्देनजर लॉक डाउन की पाबंदियों और सरकार की हिफाजती हिदायतों पर अमल करते हुए नमाज़,तरावीह,तिलावत वगैरह सारी इबादतें घर पर रहकर ही करनी पड़ी हैं।जिसकी वज़ह से रमज़ान की रौनकें ज़रूर कम रही हैं।लेकिन कारोबारी,नौकरीपेशा और तमाम लोगों को इबादत का ज़्यादा मौका भी मिल रहा है।रमजान के माह में शबे-कद्र ऐसी ही खास और मुकद्दस (पवित्र) रात है जिसमें अल्लाह ने हजरत मोहम्मद (सल्ल.) के जरिए से कुरआने-पाक की सौगात दी।
पटरंगा थाना क्षेत्र के गेरोंडा गांव निवासी हाफिज महफूज अहमद ने बताया कि रमज़ान रहमत,बरकत व मगफिरत का महीना है।इसी महीने में 27 वीं रात इबादत की बेइंतिहा फजीलत है।यह एक रात जिस इंसान को इबादत के लिए मिल जाये,उसे तिरासी साल की इबादत का सवाब अल्लाह अता फरमाता है।वही इसी गांव के निवासी मास्टर उजेर अहमद ने बताया कि “अल्लाह के रसूल ने फरमाया है कि जो इंसान रमजान का महीना पाए और अल्लाह से अपनी मगफिरत(गुनाहों से माफी) ना करा ले-वह बड़ा बदनसीब है।इसी महीने की लैलतुलकद्र की एक रात की इबादत हजार महीनों की इबादत से अफजल है।वही मवई ब्लॉक अंतर्गत नेवरा गांव के रहने वाले वरिष्ठ साहित्यकार डा0 अनवर हुसैन का कहना है कि यूं तो रमजान के प्रत्येक दिन महत्वपूर्ण है लेकिन इनमें से रमजान के अंतिम अशरा की 21, 23, 25, 27 और 29वीं रातों में से काेई एक रात शब-ए-कद्र होती है।इसलिए लोग इन रातों में जागकर अल्लाह की इबादत करते हैं।इस रात खुदा की खास मेहरबानी इबादत करने वाले बंदों पर होती है।इस रात से सुबह तक अल्लाह की रहमत बंदों पर पानी की तरह बरसती है।रानीमऊ चौराहा के निवासी गुड्डू खां ने बताया कि शबे कद्र की रात की इबादत महीनों की इबादत से अफजल है।आज की रात कुराने पाक नाजिल/मुकम्मल हुआ।आज की रात बहुत बरकत की रात है।आज की रात की बरकत से अल्लाह तबारक व ताला खारे पानी को मीठा कर देता है।वही रानीमऊ के अनवर जमाल कहते हैं कि रमजान में सबसे महत्वपूर्ण 27वीं रमजान की रात है।इसलिए इस रात शब-ए-कद्र के लिए खास इबादत करने वालों की संख्या अधिक होती है।ये 26वीं रमजान के इफ्तार के बाद यानी शाम ढलते ही 27वीं रमजान की रात आरंभ हो जाएगी।इस दिन तरावीह में कुरान पाठ पूरी होने पर विशेष दुआ के बाद शीरनी भी बांटी जाती है।आज की रात हम ऊपर वाले से देश को कोरोना के शंकट से मुक्त करने की दुआ करंगे।
ईद को लेकर बाजारों नही दिख रही रौनक
इबादत रहमतों से भरा पवित्र महीना रमजान ईद के साथ समाप्त हो जाता है।इस बार कोरोना को लेकर देश मे चल रहे लॉक डाउन के दरमियान ये त्योहार पड़ रहा है।ईद को कुछ दिन ही शेष है लेकिन बाजारों में रौनक बिल्कुल नही है।