अयोध्या : जिलाधिकारी ने मातहतों के कसे पेंच लापरवाही पर तुरंत होगी कार्यवाही

अयोध्या ! कोरोना वायरस कोविड 19 का जनपद में फैलाव न होने पाए।सभी संक्रमित व्यक्तियों को उचित उपचार समय से मिले और वे शीघ्र ठीक हो कर घर जा सके। बाहर से आए हुए प्रवासी श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाने उन्हें होम कोरन्टीन कराने उनमें कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों को खोजने के साथ, आइसोलेशन में भेजने, शहर में लाक डाउन के नियमों, सोशल डिस्टेंसिंग, के साथ मास्क पहनने की निगरानी के अत्यंत व्यस्तता के बीच जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार झा ने 27 गोवंश आश्रय स्थल पर संरक्षित 4100 पोषित गोवंश के हरे चारे ,भूसा, स्वच्छ पीने के पानी, उनके लिए की गई छाया की व्यवस्था आदि की जानकारी उपस्थित अधिकाररियो से प्राप्त की। इस महत्व पूर्ण कार्य मे जिला मजिस्ट्रेट अपनी अहम भूमिका भी निभा रहे हैं ।कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला मतिस्ट्रेट ने मुख्य विकास अधिकारी प्रथमेश कुमार , नगर आयुक्त नीरज शुक्ला ,सभी उपजिलाधिकारी ,मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक कुमार श्रीवास्तव, जिला कृषि अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई ,जिला उद्यान अधिकारी, उप संभागीय परिवहन अधिकारी, सहायक वनाधिकारी, सभी नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों ,सभी उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी, व जुड़े अधिकारियों के साथ 2 घंटे से अधिक लंबी बैठक कर लोगों को निर्देशित किया। कि कोरोना वायरस में लगी ड्यूटी के दौरान आप लोग जिस क्षेत्र में ड्यूटी करने जाएं रास्ते में पड़ने वाले गोवंश आश्रय स्थलों का नियमित रूप से निरीक्षण भी करें ।यह देखें कि वहां पर्याप्त मात्रा में भूसा उपलब्ध है।पीने का स्वच्छ पेयजल 24 घंटे बनाए गए टैंक में भरा रहता है, इसे सबसे ज्यादा देखने की आवश्यकता है । आश्रय स्थल पर की गई बोरिंग पर्याप्त पानी दे रहा है या नही। बोरिंग मोटर व बिजली खराब तो नही है। यदि खराब ही तो उसे बिना समय नष्ट किए ठीक कराया जाए ।ताकि 24 घंटे पानी उपलब्ध रहे ।रात में प्रकाश की भी उचित व्यवस्था को देखा जाना है। आश्रय स्थल पर रहे गोवंश के लिए पर्याप्त छाया है बेसहारा गोवंश जिन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रमुखता से आश्रय स्थल का निर्माण कराकर संरक्षित किया है को कोई परेशानी हो । मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किसी भी आश्रय स्थल पर कोई गोवंश अस्वस्थ तो नहीं है। अस्वस्थ् होने पर उनका प्रॉपर उपचार कराए। किसी भी स्थल पर पानी व चारे की कमी नहीं होनी चाहिए या किसी भी स्तर पर कोई कमी है तो उसकी जानकारी खंड विकास अधिकारी व उप जिला अधिकारी को देते हुए मेरे संज्ञान में लाया जाए ।इस संकट की घड़ी में गोवंश को गर्मी, पानी, चारे ,कोई परेशानी न हो यह सुनिश्चित किया जाए ।जहां भी छाया हेतु सेड बनाने की आवश्यकता हो उसे तुरंत बिना देरी के बनाए जाए। आश्रय स्थल पर संरक्षित सभी पशुओं को गला घोटू बीमारी का टीकाकरण कराएं। कृतिम नाशक दवापान के साथ नए आने वाले पशुओं का बधियाकरण व टैकिंग की व्यवस्था तुरंत कराई जाए ।इस कार्य में किसी प्रकार की शिथिलता अक्षम होगी ।
