अयोध्या : मां की ममता हुई शर्मसार तो खंडासा चौकी इंचार्ज बने मददगार
धान के खेत में लावारिश हालत में जिंदगी व मौत से लड़ रहे मासूम बच्ची को पहुंचाया अस्पताल।
प्राथमिक उपचार के बाद देखरेख के लिए आशा बहू को सौंप दी गई मासूम
अमानीगंज(अयोध्या) ! कलयुग के कुप्रभाव से ग्रसित एक कलयुगी मां ने अपने मासूम बच्ची को जन्म देने के बाद धान के खेत मे फेंक दिया।जिसके चीखने चिल्लाने की आवाज ग्रामीणों ने सुनी तो सूचना खण्ड़ासा चौकी प्रभारी अभिषेक त्रिपाठी को दी।सूचना मिलते ही तत्काल मौके पर पहुंचे चौकी इंचार्ज नें शिशु को कब्जे में लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खण्ड़ासा में भर्ती कराया।जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने नवजात शिशु की हालत खतरे से बाहर बताया।हालांकि चौकी प्रभारी की तत्परता से मासूम बच्ची की जान तो बच गई।लेकिन एक कलयुगी मां द्वारा की गई इस करतूत से मां की ममता शर्मसार हो गई है।
जानकारी के मुताविक गुरुवार की अपरान्ह एक ग्रामीण अपने धान के खेत में खाद डाल रहा था तभी उसे एक नवजात शिशु के रोने की आवाज सुनाई दी।आवाज सुनकर वह उसके समीप पहुंचा तो देखा कि शिशु को झोले के अंदर रखकर बोरे से ढका गया है। देखते ही देखते लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई । और ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंचे चौकी इंचार्ज अभिषेक त्रिपाठी ने मानवता दिखाते हुए नवजात शिशु को अपने कब्जे में लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खंडासा में भर्ती कराया और बच्चे के लिए तत्काल दूध का भी प्रबंध कराया।सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खंडासा में आशा कार्यकर्ता सुशीला मिश्रा की देखरेख में नवजात बालिका का इलाज हुआ।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों ने उपचार के बाद नवजात शिशु को स्वस्थ बताया है। समझा जाता है कि लोकलाज के भय से किसी ने बच्चे को खेत में फेंक दिया।गाँव की आशा कार्यकर्ता सुशीला मिश्रा ने चौकी इंचार्ज से नवजात बालिका का पालन पोषण हेतु मांग किया। थानाध्यक्ष खंडासा ने बताया कि ग्राम प्रधान की उपस्थिति में आशा कार्यकर्ता को एक दिन के लिए नवजात को दिया जा रहा है। नवजात के पूर्ण रूप से स्वस्थ होने पर आगे की विधिक कार्यवाही की जाएगी।