अयोध्या : मवई क्षेत्र के ताजिया कारीगरों को लग रहा कोरोना का ग्रहण,करीब डेढ़ करोड़ नुकसान होने की आशंका
प्रशानिक फरमान है कि मोहर्रम में एक फुट रखे ताजिया।
पूरे साल मेहनत कर ताजिया बनाने वाले सैकड़ो परिवारों को नुकसान की आशंका
मवई(अयोध्या)! कोरोना संक्रमण कारोबार से लेकर हुनर तक को प्रभावित कर रहा है।काम-धंधे और रोजगार में परेशान लोग अब ताजिया में कमाई की बात तो दूर पूंजी भी डूबने की आशंका से कारीगर परेसान है।ताजिया बनाने वाले कारीगरों का कहना है कि अचानक आये प्रशासनिक फरमान से हम लोगों की दिन का सुकून व रातों की नींद गायब हो गई है।अगर ताजिया न बिकी तो हम लोगों की पूंजी डूब जाएगी कर्जदार भी हो जाएंगे।और रोजी रोटी का शंकट खड़ा हो जाएगा।
बता दे कि इमाम हुसैन की याद में मनाये जाने वाले गम ख्वारी का त्यौहार मुहर्रम के लिए मवई क्षेत्र में ताजिया कारीगर ताजिया की बनावट व सजावट में दिन रात लगे हुए हैं।यहां के कारीगर इस कार्य से सिर्फ पैसे ही नहीं बल्कि शोहरत भी बटोरते हैं क्योंकि नक्काशी व कटिंग के मामले में यहां की ताजिया कई जिलों में मशहूर है।और दूर-दूर से ताजियादार यहां आकर खरीददारी करते हैं।लेकिन अभी दो दिन पूर्व मवई पटरंगा के थानों चौकियों में हुई पीस कमेटी की बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों ने स्पष्ट आदेश दिया है कि एक फुट से ऊंची ताजिया नही रखी जायेगी।अचानक हुए इस आदेश से जहां ताजियादार परेसान है वही ताजिया कारीगर की नींद हराम हो गई है।मवई गांव में अपने नक्कासी के लिए मशहूर शमशेर व कल्लू बताते है कि हम लोग उधार व्यवहार पर कड़ी मेहनत से ये ताजिया तैयार करते है।अब तजियादार ये ताजिया नही खरीदेंगे तो हम लोग बर्बाद हो जाएंगे।वही रानीमऊ में विगत 17 वर्षों से इस काम मे लगी 65 वर्षीय अतरून्निशा पत्नी मो0 दस्तगीर बताती है कि न खेती न बाड़ी।कोरोना काल मे लड़को का धंधा भी हो गया मंदा।सरकार की तरफ से भी कोई सहायता नही।अब ताजिया भी न बिकेगी तो हम लोग भूखों मर जायेंगे।इन्होंने बताया उधार व्यवहार से लगभग सवा लाख का सामान लाकर पूरा परिवार विगत छः माह से मेहनत कर कटिंग व ठाठ तैयार कर ताजिया बनाया।अब जब बिकने का नंबर आया तो अफसर बता रहे एक फुट की ताजिया रखो।इन्होंने बताया बेटा मुन्ना,इरफान,बेटी रेशमा पोती सौम्या 10 वर्ष शालिया 6 वर्ष की कड़ी मेहनत की बदौलत 24 ताजिया बनाई है।लेकिन अब ऐन वक्त पर तजियादार इसे खरीदने से मना कर रहे है।ऐसे में हम लोग बर्बाद हो जाएंगे।
डेढ़ सौ परिवारों के सामने रोजी रोटी का शंकट
कोरोना काल मे पड़ रहे मोहर्रम में सब ज्यादा प्रभाव ताजिया कारीगरों पर पड़ रहा है।यहां रानीमऊ नेवरा मवई अफजाली पुरवा नरौली रूदौली के करीब 150 परिवार ताजिया बनाने का काम करते है।और सभी लोगों ने कम ज्यादा ताजिया बना भी डाली है।अगर ताजिया न बिकी तो करीब डेढ़ करोड़ का नुकसान होगा और करीब डेढ़ सौ परिवारों के सामने रोजी- रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।
सर्किल में 729 ताजिया रखी जाती
सीओ सर्किल रूदौली अंतर्गत मवई पटरंगा व रूदौली थाना क्षेत्र में कुल 729 ताजिया रखी जाती है।जिसमें सबसे अधिक रूदौली थाना क्षेत्र में रखी जाती है।सैदपुर का मोहर्रम साम्प्रदायिक सौहार्द व आपसी एकता की मिसाल माना जाता है।यहाँ के हिन्दू मुस्लिम मिलकर इस त्योहार को मनाते है।
ये ताजियों की कीमत
लंबाई——- कीमत (रुपये में)
12 फिट की ताजिया – 15000
10 फिट की ताजिया – 12000
आठ फीट का ताजिया- 10000
सात फीट का ताजिया – 7000
छह फी का ताजिया — 5000
पांच फीट का ताजिया — 4000
चार फीट का ताजिया — 2000