लखनऊ ! सरकारी अस्पतालों की दवा एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। बच्चों को एलर्जी में दिए जाने वाले दो सिरप के नमूने जांच में फेल हो गए हैं। इसमें एंटीबायोटिक सिरप के तो 14 बैच जांच में फेल मिले। अधिकारियों ने अस्पतालों को आदेश जारी कर सिरप वितरण पर रोक लगा दी है। साथ ही दवा वापस करने के भी निर्देश दिए हैं।उप्र मेडिकल सप्लाईज कारपोरेशन सरकारी अस्पतालों में दवा की आपूर्ति करती है। 29 मई को राजस्थान की कंपनी ने बच्चों को सर्दी-खांसी समेत दूसरी बीमारी में दिए जाने वाले एंटीबायोटिक सिफलैक्सिन ड्रॉय सिरप की आपूर्ति की। भौतिक परीक्षण में बैच नम्बर सीएफएस 20016, 17, 19, 22, 23, 25, 27, 28, 29, 31, 32, 34, 35 व 36 लैबल आदि ठीक नहीं मिला। इस आधार पर इन बैच की सिरप को मिस्सब्रैंड घोषित किया गया है। दवा के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी गई है।हरिद्वार की कंपनी ने लिवोसिट्रीजिन सिरप की आपूर्ति की। यह सिरप एजर्ली से पीड़ित बच्चों को दिया जाता है। कंपनी ने बैच एलवीएन-1903, 04, 05, 06 और 07 की आपूर्ति की गई। 10 दिसंबर को कारपोरेशन के गुणवत्ता नियंत्रण अनुभाग के अफसरों ने भौतिक परीक्षण किया। जिसे पांच बैच में दवा की शीशी पर लेवल ठीक नहीं मिले। लिहाजा इसे भी मिसब्रैंड घोषित कर दिया गया। दवा के वितरण पर रोक लगा दी गई। वहीं दवा वापस करने के भी निर्देश दिए गए हैं।