यूपी पंचायत चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई रोक

हाईकोर्ट ने पंचायत चुनावों को लेकर आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने आरक्षण एवं आवंटन कार्रवाई रोकी। सोमवार को सरकार दाखिल करेगी जवाब। अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने जारी किया शासनादेश। सभी डीएम को भेजा गया आदेश। 17 मार्च को आरक्षण प्रकाशन होना था। 2015 के आरक्षण प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ।
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इन चुनावों के लिए आरक्षण प्रकिया पर रोक लगा दी। हाई कोर्ट ने आरक्षण और आवंटन कार्रवाई पर रोक दी है। इस बारे में सभी जिलों के डीएम को आदेश भेज दिया गया है। अदालत ने आरक्षण प्रकिया पर उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार भी लगाई। अजय कुमार की जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने यह फैसला लिया है। सोमवार को यूपी सरकार अपना जवाब दाखिल करेगी।
गौरतलब है कि 17 मार्च को यूपी सरकार पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण की अंतिम सूची जारी करने वाली थी। हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब इस पर ब्रेक लग गया है। सोमवार को सरकार के जवाब दाखिल करने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने हाई कोर्ट के फैसले के बाद सभी डीएम को आरक्षण प्रकिया पर रोक लगाने संबंधी आदेश जारी कर दिया है।
याचिका में आरक्षण शासनादेश को दी गई चुनौती
अजय कुमार की याचिका में आरक्षण की नियमावली को चुनौती दी गई थी। पीआईएल में फरवरी महीने में जारी किए गए शासनादेश को चुनौती दी गई है। सीटों का आरक्षण साल 2015 में हुए पिछले चुनाव के आधार पर किए जाने की मांग की गई है। पीआईएल में 1995 से आगे के चुनावों को आधार बनाए जाने को गलत बताया गया है।
