अयोध्या जिले के शुजागंज चौकी इंचार्ज दृवेश त्रिवेदी के पिता की लखनऊ में गोली मारकर हत्या
लखनऊ ! माल थाना क्षेत्र के अटारी गांव में मंगलवार देर रात अयोध्या में तैनात दारोगा द्रवेश त्रिवेदी के पिता तेज नारायण त्रिवेदी उम्र 62 वर्ष की सोते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई।ये गांव में ही आटा चक्की का कारखाना चलाते थे।घटना के समय वह घर के बाहर बरामदे में चारपाई पर सोए थे।वारदात को अंजाम देकर अज्ञात बदमाश भाग निकले। परिवारीजन ने किसी से भी रंजिश की बात से साफ इंकार किया है। पुलिस हत्यारों की तलाश में दबिश दे रही है। माल के अटारी गांव निवासी तेज नारायण उर्फ तेजा का गांव में आटा चक्की का कारखाना है। उनके बड़े बेटे द्रवेश अयोध्या जिले के शुजागंज चौकी के प्रभारी हैं।
मंगलवार की रात तेजा के परिवारीजन घर के अंदर थे जबकि वह बाहर बरामदे में सोए थे। देर रात करीब 12ः30 बजे गोली की आवाज सुनकर उनका बेटा प्रवेश और अन्य परिवारीजन बाहर निकले।चारपाई पर खून से लथपथ हालत में तेजा पड़े थे। परिवारीजन की चीख-पुकार सुनकर आस पड़ोस के लोग आ गए।प्रवेश पड़ोसियों की मदद से पिता को लेकर सीएचसी पहुंचे। जहां से हालात नाजुक देख उन्हें ट्रामा रेफर कर दिया गया। ट्रामा ले जाते समय रास्ते में तेजा ने दम तोड़ दिया। घटना की जानकारी पर थाना प्रभारी राम सिंह यादव व अन्य पुलिस बल मसुके पर पहुंचा। पुलिस ने मौके का निरीक्षण किया। इसके बाद प्रवेश की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। प्रवेश ने बताया कि परिवार में मां और छोटा भाई सर्वेश है।तेजा के परिवारीजन ने किसी से रंजिश की बात से इंकार किया है।थाना प्रभारी ने बताया कि रुपयों के लेनदेन या किसी से रंजिश समेत कई अन्य बिंदुओं पर हत्याकांड की जांच की जा रही है। जल्द ही हत्यारों को गिरफ्तार कर घटना का राजफाश किया जाएगा। हालांकि परिवारीजन के किसी से रंजिश की बात न कहने से मामला थोड़ा उलझ गया है।
घटना को लेकर पुलिस महकमे में शोक
रूदौली(अयोध्या) ! घटना की जानकारी के होते अयोध्या जिले के पुलिस महकमे में शोक की लहर है।कई दरोगा व थाना प्रभारियों के साथ काम कर चुके शुजागंज चौकी प्रभारी दृवेश त्रिवेदी के पिता की मौत पर दुःख प्रकट किया है।इतना ही क्षेत्रीय ग्रामीणों ने भी घटना पर गहरा दुख प्रकट करते हुए हत्यारों को शीघ्र पकड़ने की मांग शोशल मीडिया पर कर रहे है।रूदौली सर्किल के तीनों थानों में काम कर चुके दरोगा दृवेश त्रिवेदी ने अपने कार्य व व्यवहार से ग्रामीणों के बीच अपनी अलग पहचान बना ली है।