बाराबंकी : दुःखद ! जिले के चार गो आश्रय स्थलों में 18 पशुओं की मौत,बदहाली उजागर
● बीमारी के बावजूद पशुओं का नहीं किया जाता था उपचार।
बाराबंकी(यूपी) ! गो आश्रय स्थलों की बदहाल व्यवस्था के कारण शुक्रवार को चार आश्रय स्थलों पर 18 पशुओं की मौत हो गई। सभी आश्रय स्थलों को लेकर डीएम के निर्देश पर अधिकारियों ने निरीक्षण किया। जलभराव व अव्यवस्थाओं को देखते हुए कई आश्रय स्थलों से पशुओं को स्थानांतरित करके वृहद गो आश्रय स्थल पर भेजा गया।त्रिवेदीगंज क्षेत्र में बेसहारा पशुओं के लिए संचालित हसनपुर गो आश्रय स्थल में वर्तमान में तीन शेडों में करीब 240 गौ वंश रखे गये थे।बुधवार देर रात से तेज हवाओं के साथ हो रही भारी बारिश से गो आश्रय स्थल में करीब तीन फीट पानी भर गया। इसी के चलते करीब एक दर्जन गौवंशीय पशुओं की मौत हो गई। ग्राम प्रधान की सूचना पर खंड़ बिकास अधिकारी, पशु चिकित्सक डा बिपाशा सिंह व अन्य कर्मचारियों के साथ गौशाला पहुंचे।बीड़ीओ हेमंत कुमार ने बताया कि लगातार भारी बारिश की वजह से मौतें हुई हैं पीएम करवाया जा रहा है।
जैदपुर व निन्दूरा में भी दस मवेशियों की मौत।
जैदपुर बाराबंकी मार्ग पर ग्राम पंचायत जराहरा में स्थित गोशाला 76 मवेशी बन्द है, बुधवार व गुरुवार को हुई तेज बारिश के चलते गोशाला परिसर में पानी भर गया। पानी निकासी की कोई व्यवस्था न होने से परिसर तालाब नजर आने लगा। बारिश के पानी मे रहने के कारण पांच मवेशियों की मौत हो गई। आनन फानन में विभागीय अधिकारियों ने गोशाला में बंद मवेशियों को दूसरी गोशाला भेजने का आदेश दिया। पशु चिकित्सा अधिकारी संदीप वर्मा ने बताया कि पांच मवेशियों की मौत हो गई है। डीडीओ के आदेश पर अन्य मवेशियों को दूसरी गौशाला शिफ्ट किया जा रहा है। निन्दूरा संवाद के अनुसार विकास खण्ड क्षेत्र की दो गौशाला में भारी बरसात के चलते पाच बेजुबान पशुओं की मौत हो गई। इस संबंध में जब पशु चिकित्सा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कुर्सी स्थित कल्लू पुरवा गौशाला में दो बीमार एक की मौत अमरसंडा गौशाला में पानी भर जाने से तीन जानवर बीमार है जिन का इलाज किया गया।मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि जिले में 35 अस्थायी गो आश्रय स्थल, 02 वृहद गो संरक्षण केन्द्र एवं 02 कान्हा गौशाला संचालित है, जिनमें कुल 12533 निराश्रित गोवंशों को आवासित कराया जा चुका है। गोवंश आश्रय स्थल खजूरगांव एवं हसनपुर में जलभराव की स्थिति बनी हुयी है। गो आश्रय स्थल हसनपुर में आठ गोवंश जोकि वृद्ध थे।अतिवृष्टि होने के कारण उनकी मृत्यु हो गयी।अन्य गो आश्रय स्थलों में जल निकासी की व्यवस्था की रही है।