November 22, 2024

दिसंबर के बाद ही शुरू होगा पत्थरों के बेस प्लिंथ का निर्माण, राफ्ट फाउंडेशन निर्माण में किया गया परिवर्तन

0

रामनगरी अयोध्या में दिव्य राम मंदिर के पूर्ण निर्माण का वक्त जैसे जैसे करीब आ रहा है श्रद्धालुओं की उत्सुकता बढ़ती जा रही है. देश-दुनिया के करोड़ों भक्त उस दिन की प्रतिक्षा कर रहे हैं जिस दिन अयोध्या में भव्य मंदिर में रामलला दर्शन देंगे. सैकड़ों साल के इंतजार और कई दशक की कानूनी लड़ाई के बाद अयोध्या की धरती पर भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है. ऐसे में श्रद्धालुओं की चाहत यही है कि मंदिर जल्द से जल्द तैयार हो और उन्हें रामलला के दर्शन का पुण्य मिले.

राम मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक दिसंबर 2023 तक अयोध्या में भव्य और दिव्य राम मंदिर तैयार हो जाएगा. इसके लिए मंदिर निर्माण का काम जोर-शोर से जल रहा है. लेकिन भक्तों के विघ्न दूर करने वाले भगवान के काम में कुछ ऐसी तकनीकी अड़चन आई है कि जिसे देखकर सवाल उठने लगे कि क्या श्रद्धालुओं का भव्य राम मंदिर में विराजमान रामलला के दर्शन का इंताजर थोड़ा और लंबा हो सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि राम मंदिर के डिजाइन को लेकर कुछ बदलाव किया गया है.

अब दिसंबर तक पूरा होगा राफ्टिंग का काम

डिजाइन में बदलाव के कारण मंदिर निर्माण कार्य की रफ्तार थोड़ी सुस्त हो गई है. इस वजह से नींव में राफ्टिंग का काम अब दिसंबर में पूरा होगा. पहले राफ्टिंग का काम 15 नवंबर तक पूरा होना था. राफ्टिंग के बाद पलिंथ निर्माण का काम शुरू किया जाएगा.

मंदिर के गर्भगृह में नींव का काम कंम्पलीट हो चुका है. लेकिन बाकी के काम में हो रही देरी की वजह मंदिर की मजबूती और मंदिर की आयु है. मंदिर की मजबूती को लेकर गंभीर ट्रस्ट एक एक कदम तकनीकि सलाह के बाद उठा रहा है. ट्रस्ट की कोशिश है भव्य राम मंदिर 1000 वर्षों तक सुरक्षित रहे. इस लिहाज से मंदिर के निर्माण में आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसलिए मंदिर की नींव के ऊपर बनाए जा रहे राफ्ट में बदलाव किया गया है.

इस तकनीकी बदलाव के कारण मंदिर के भव्य मंदिर में विराजमान रामलला के दर्शन को आतुर भक्तों की प्रतिक्षा थोड़ी और लंबी हो सकती है. हालांकि ट्रस्ट की कोशिश है कि दूसरे काम में तेजी लाकर तय समय में रामलला के विशाल और भव्य मंदिर का निर्माण पूरा कर लिया जाए. भगवान राम का पूरा जीवन परीक्षा का पर्याय रहा है. भवगान के जीवन का हर पड़ाव परीक्षा और धैर्य का पड़ाव रहा है. इसलिए अब भगवान के भक्तों की परीक्षा राम मंदिर में बन रहा एक राफ्ट ले रहा है.

आपको बताते हैं कि आखिर राफ्ट क्या होता है. राम मंदिर निर्माण में राफ्ट की अहमियत क्यों हैं? आखिर क्यों राफ्ट की मजबूती को लेकर इतना जोर है. भव्य राम मंदिर को मजबूती देने के लिए नींव के ऊपर राफ्ट का निर्माण किया जा रहा है. मंदिर की पूरी इमारत का भार इन राफ्ट पर होगा. इससे मंदिर को मजबूती मिलेगी.

मंदिर में 17 राफ्ट ब्‍लॉक, हर ब्लॉक की लंबाई 27 मीटर

राफ्ट को बनाने का काम भी बेहद सावधानी से किया जा रहा है. आपके लिए ये जानना जरूरी है कि राफ्ट यानी सीमेंट कंक्रीट के ढांचे को ढालने का काम एक खास तापमान पर किया जा रहा है. राफ्ट का निर्माण कितना कठिन है और इसमें कितनी सावधानी बरतने की जरूरत है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राफ्ट बनाने के लिए 23 डिग्री सेल्सियस तापमान रखा जा रहा है. इस तापमान को बनाए रखने के लिए सीमेंट-कंक्रीट में बर्फ और बर्फ के पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है. भव्य मंदिर की इमारत मजबूत हो इसके लिए 17 राफ्ट ब्लॉक बनाए जा रहे हैं. हर राफ्ट ब्लॉक की लंबाई 27 मीटर है. 12 राफ्ट का निर्माण हो चुका है. लेकिन अब राफ्ट बनाने के लिए निर्माण में बदलाव किया गया है. अब रोज 9 मीटर राफ्ट बनाया जाएगा.

डिजाइन में इस बदलाव के कारण मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया में थोड़ा बदलाव हुआ है. अब राफ्ट बनाने का काम थोड़ा धीमा हो गया है. सैकड़ों साल की साधना के बाद बन रहा राम मंदिर हजारों साल तक श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित रहे इसके लिए मंदिर निर्माण के हर पहलू को बारीकी से देखा और परखा जा रहा था.

राम मंदिर ट्रस्ट ये जानता है कि पूरी दुनिया के रामभक्त अपने अराध्य के दर्शन के लिए अयोध्या आएंगे. आस्था के केंद्र भगवान राम के दर्शन और पूजन के लिए अयोध्या में करोड़ों लोग आएंगे. इसलिए राम मंदिर ट्रस्ट निर्माण के हर स्तर पर जांच-परख कर आगे बढ़ रहा है.

मंदिर की मजबूती के लिए राफ्ट का मजबूत होना अहम

ऐसी ही एक मंदिर के राफ्ट निर्माण के दौरान जब कार्य की जांच की गई तो खुलासा हुआ कि सावधानी के बाद भी राफ्ट की सीलिंग में दरार है. 23 डिग्री सेंटीग्रेड तामपान के बाद भी राफ्ट में दरार आ रही थी. मंदिर की मजबूती के लिए राफ्ट का मजबूत होना अहम था. इसलिए तत्काल तकनीकी विशेषज्ञों को बुलाया गया है. विशेषज्ञों की टीम ने जब जांच की तो खुलासा हुआ राफ्ट की सीलिंग में कई जगहों पर दरार है. जांच रिपोर्ट आने के बाद रॉफ्ट बनाने की तकनीक में बदलाव का फैसला किया गया है.

राम मंदिर के निर्माण के साथ ही मंदिर परिसर में मौजूद पौराणिक सीता कूप का भी संरक्षण किया जा रहा है. सीता कूप के जल को बेहद पवित्र माना जाता है.
अयोध्या और अयोध्या के आसपास के लोग सीता कूप के जल का इस्तेमाल हर पूजा में करते हैं. अनदेखी के कारण सीता कूप का अस्तित्व खतरे में था.

भगवान श्रीराम और माता सीता से जुड़े इस पवित्र कुएं को सहेजने का काम भी श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट कर रहा है. पहले सालों तक चली कानून लड़ाई अब तकनीकी व्याधान भगवान श्री राम के भक्तों की आस्था की परीक्षा ले रहे हैं. लेकिन जैसे आस्था ने धैर्य से कानूनी लड़ाई जीती वैसे ही आस्था इस तकनीकी व्याधानों पर भी जीत दर्ज करेगी और अयोध्या में भव्य मंदिर में फिर भगवान राम का भव्य दरबार सजेगा.

भगवान राम ने हर बाधा को पार किया. हर मुश्किल का सामना करते हुए भगवान राम ने जीवन में मर्यादा का मानदंड स्थापित किया. भगवान राम के भक्त भी जानते हैं कि धैर्य से हर बाधा को पार किया जा सकता है. इसलिए भव्य राम मंदिर के निर्माण में व्याधान बन रही इन तकनीकी बाधाओं पर भी धैर्य से पार पाया जा सकता है. श्रद्धालुओं की आस्था और भगवान राम की सत्ता का जो भव्य प्रतिक अयोध्या में बन रहा है उसकी जानकारी भी आपको देते हैं. अयोध्या में भगवान राम का जो मंदिर बना रहा है.

इस भव्य मंदिर की लंबाई 268 फीट होगी. अयोध्या में बन रहे विराट राम मंदिर की चौड़ाई 140 फीट होगी. भगवान राम के विराट व्यक्तित्व का प्रतिक ये मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा. करोड़ों श्रद्धालुओं के रोम-रोम में बसने वाले भगवान राम का ये विराट और भव्य मंदिर कुल 212 खंभों पर खड़ा होगा. मंदिर की पहली मंजिल में 106 खंभे होंगे. मंदिर के हर खंभें में 16 मूर्तियां होंगी. हर खंभे पर रामायण से जुड़े प्रसंगों को उकेरा जाएगा. साथ ही देवी-देवताओं और ऋषि-मुनियों की तस्वीरें भी उकेरी जाएंगी.

2500 वर्ग फीट के परकोटे में रामायण से जुड़े हुए 100 प्रसंगों को भी उकेरा जाएगा. मंदिर में दो चबूतरे होंगे. 45 एकड़ में रामकथा कुंज बनेगा, भू-तल में सिंहद्वार, गर्भगृह, नृत्यद्वार, रंगमंडप बनेगा. प्रथम तल पर राम दरबार की मूर्तियां लगेंगी और मंदिर में 24 दरवाज़ों का चौखट होगा. यानी ये मंदिर भगवान राम के विराट व्यक्तित्व का घोतक होगा. ये मंदिर हर श्रद्धालु को याद दिलाएगा कि भगवान राम का व्यक्तित्व कितना विशाल था और उन्हें क्यों मार्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

error: Content is protected !! © KKC News

Discover more from KKC News Network

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading