……और एक बार फिर हरियाली के सीने पर चला ‘लापरवाही का आरा’
बिना परमिट आधा दर्जन से अधिक वृक्षों को वनमाफ़ियाओं ने काटा
जिम्मेदारों के पहुंचने से पहले पिकप छोड़ फरार हुए लकडकट्टे
पटरंगा(अयोध्या) ! इंसान को एयर कंडीशनर के बराबर प्राकृतिक शीतलता प्रदान करने वाले प्रतिबंधित वृक्षों के सीने पर लापरवाही का आरा चल गया।आलम ये रहा कि ग्रामीणों के सूचना के बाद समय से न पहुंचने वाले जिम्मेदारों की वजह से लकडकट्टों ने आधा दर्जन से अधिक प्रतिबंधित वृक्षों को काट कर गिरा दिया।मंगलवार की रात्रि हुई वारदात में जिम्मेदारों की लापरवाही का आलम ये रहा कि अफसरों के निर्देश के बावजूद बुधवार की शाम तक कोई कार्यवाही नही हो पाई थी।
जानकारी के मुताविक पटरंगा थाना क्षेत्र के ग्राम सभा सरैठा में मंगलवार की रात्रि वन माफियाओं ने एक बड़ी बाग में लहलहा रहे प्रतिबंधित वृक्ष आम नीम व महुआ पर आरा कुल्हाड़ी के साथ हमला बोल दिया।और थोड़ी ही देर में बिना परिमिट के सभी वृक्षों को काटकर गिरा दिया।इसमें तकरीबन 9 बड़े पेड़ नीम के और एक महुआ का पेड़ सामिल है।जब इस अवैध कटान की भनक जागरूक ग्रामीणों को हुई तो लोग लाठी डंडे लेकर बाग की ओर दौड़ पड़े।गांव वालों को अपनी ओर आते देख लकडकट्टे अपना वाहन पिकअप नंबर UP 42CT 1885 छोड़ नौ दो ग्यारह हो गए।ग्रामीणों ने इस वारदात की सूचना पटरंगा पुलिस को दी। घटना की जानकारी होते ही हल्का दरोगा कमलेश कुमार हमराहियों के साथ घटनास्थल पर जा पहुंचे।वहीं पीछे से वन विभाग के क्षेत्रीय फारेस्टर वीरेंद्र तिवारी अपने बीट कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे।वन कर्मियों के मुतावित हरे भरे पेड़ की बाग सरैठा गांव निवासी लल्लन यादव की है।जिसको लल्लन यादव ने किसी बड़े ठेकेदार के हाथ बेच रखा था और बीती रात्रि लगभग 1 बजे जब उधम मचा तब लल्लन यादव भी अपनी बाग छोड़कर नौ दो ग्यारह हो गए।रात भर ग्रामवासी लकड़ी और गाड़ी की रखवाली करते रहे सुबह होते ही वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर आई तथा लकड़ी और वाहन को कब्जे में ले लिया है।लेकिन दूसरे दिन के शाम तक पुलिस व वन विभाग द्वारा न बरामद गाड़ी को सीज किया गया।और न ही बाग मालिक व ठेकेदार के विरुद्ध मुकदमा ही लिखा गया।इस बाबत क्षेत्रीय वनाधिकारी ओम प्रकाश ने बताया कि लकड़ी व गाड़ी हिरासत में लेकर विधिक कार्यवाही हेतु टीम पटरंगा थाने गई है।
आखिर क्यों नहीं रुक पा रहा है अवैध कटान
रूदौली क्षेत्र में प्रतिबंधित वृक्षों की अवैध कटान आखिर क्यों नही रुक पा रही है।जबकि शासन का स्पष्ट आदेश है प्रतिबंधित वृक्षों की कटान हुई तो जिम्मेदारों पर कार्यवाही तय है।सूत्र बताते है।इतना सख्त आदेश के बावजूद रूदौली क्षेत्र में लाभ के चक्कर में पुलिस व वन विभाग का शिकंजा नही कस पा रहा है।यही कारण है कि क्षेत्र में आए दिन हरियाली के सीने पर आरा चल रहा है।
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दो पेड़ लगाने की अनिवार्यता पर चली आरी
एक प्रावधान किया गया था कि जब कोई व्यक्ति किसी पेड़ को काटने के लिए परमिट आवेदन करेगा तो परमिट जारी करते समय उस व्यक्ति से दो पेड़ लगाने की शर्त को पूरा कराने को दो पेड़ों को लगाने को दो सौ रुपये की एनएससी भी वन विभाग जमा कराएगा तथा इन एनएससी को उस व्यक्ति को तब लौटाया जाएगा जब उसके द्वारा लगाए गए पौधे पूरी तरह से पेड़ बन जाएंगे।पर इस प्रावधान पर भी आरी चल गई है।