रूदौली(अयोध्या) : जिम्मेदारों की भरती जेब, खुद रही धरती की कोख
तहसील रूदौली क्षेत्र के कई स्थानों पर वेखौफ होकर किया जा रहा अवैध खनन
महीनों से हो रहा अबैध खनन से जानबूझकर अंजान बन रहे जिम्मेदार
रूदौली(अयोध्या)! तहसील रुदौली क्षेत्र में इस समय खनन माफिया धरती की कोख को वेधड़क छलनी करने में जुटे हैं।रात के अलावा पूरे दिन मिट्टी से भरे ट्रैक्टर ट्रालियों थाने के सामने से दौड़ रहे।जिस पर शायद जिम्मेदारों की नजर नहीं पड़ रही हैं।या फिर सब कुछ जानते हुए भी वो अंजान बन रहे है।
बताते चले रूदौली तहसील क्षेत्र में विगत 15 दिनों से अवैध मिट्टी खनन का धंधा कुटीर उद्योग का रूप लेता जा रहा है।रात में जहां थानों के पीछे जेसीबी मशीन गरज रही है वहीं सुबह उगते सूर्य के साथ ही मिट्टी से भरी ट्रैक्टर ट्रालियां अवैध रूप से व्यवसाय करने निकल पड़ती है।हैरत की बात तो ये है।ये ट्रालियां थानों के सामने से ही गुजरती है।जानकारी के मुताविक मवई थाना क्षेत्र के हल्का न0 एक में ये अवैध कारोबार खूब चल रहा है।थाने के पीछे मवई गांव में स्थित गोंडियन बाग से ये अवैध खनन होता है।इस घटना पर एसएचओ तो अनिभिज्ञता जता रहे।जबकि अवैध खनन कर रहे लोगों का कहना है कि उन्हें थाने के एक सिपाही से परमीशन मिला है।इसी तरह रूदौली तहसील क्षेत्र के मीनापुर व अहमदाबाद गांव के बीच स्थित अमरौती गांव में भी बड़े पैमाने पर खनन हो रहा है।इसके अलावा सीओ सर्किल रूदौली अंतर्गत मवई पटरंगा रूदौली व सैदपुर चौकी क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध खनन होगा।सूत्र बताते है मिट्टी खनन का ये अवैध कटोबार कुछ तहसील व पुलिस प्रशासन की मिलीभगत तो कुछ सफेदपोश नेताओ के दबाव में माफिया अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक कर यह गोरखधंधा सरेराह शुरू किए हैं।
फिरहाल खनन माफिया इलाके की पुलिस को पटाकर यह गोरखधंधा तेज किए हैं।पहले तो ये अबैध कारोबार रात के 12 बजे से सुबह 5 बजे तक चलता रहा।लेकिन इस समय तो दिन दहाड़े ये कारोबार हो रहा है। खनन जहां पर किया जाता हैं वहां के अलावा एक जेसीबी मशीन जहाँ पर मिट्टी गिराई जाती हैं वहां भी रहती हैं। डम्पर व प्रेशर ट्रालियों से मिटटी गिरने के साथ ही जेसीबी मशीन से समतल कर दी जाती है।जिससे भोर होने पर किसी को भनक भी लगती तो सब बराबर मिलता हैं। जिम्मेदारों की मिलीभगत का यह आलम है कि खनन की सूचना होने पर भी मौके पर झाँकने तक नही जाते।इस समय तहसील रूदौली के दर्जनों स्थान पर मिट्टियां गिराई जा रही है।
क्या है खनन का कानून-
काश्तकार एक्ट के तहत किसी भी भूमि पर 3 फीट गहराई तक मिट्टी का खनन किया जा सकता है। इसकी भी एक सीमा तय है। इसके लिए खनन विभाग से परमिशन लेनी पड़ती है। 3 फिट के बाद ज्यादा गहराई तक खनन होने से भूमि बंजर हो जाती है। इसलिए 3 फिट से ज्यादा खनन नही किया जा सकता है।वन क्षेत्र के आस पास खनन करने पर वन अधिनियम की धारा 63 के तहत आरक्षित वन क्षेत्र के 200 मीटर परिधि में किसी प्रकार का बालू-मिट्टी खनन कार्य नही किया जा सकता है। खनन कार्य के लिए सबसे पहले खनन करने वाले ठेकेदार को भूमि मालिक की सहमति से जिलाधिकारी को शपथ पत्र दिया जाता है जिस पर अपर जिलाधिकारी पूर्ण आख्या के साथ पर्यावरण प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड को पत्र लिखकर खनन के लिए सहमति मंगाते है बाद में सहमति मिलने पर उसकी रायल्टी जमा कर खनन का अधिकार जारी किया जाता है
खनन पर क्या हो सकती है कार्यवाही
अवैध खनन पर धारा- 79 के तहत एफआईआर दर्ज करवाई की जाती है। इसमें सजा या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। खनन माफिया घोषित होने पर आरोपी के खिलाफ नॉन बेलेबल वारेंट (एनबीडब्लू) जारी किए जाने के नियम हैं। वन क्षेत्र से 200 मीटर की परिधि के अंदर खनन करने पर वन अधिनियम की धारा 63 के तहत कार्यवाही की जाती है।इसके साथ ही यदि कोई सार्वजनिक भूमि इससे प्रभावित होती है तो लोक संपत्ति निवारण अधिनियम की भी कार्यवाही की जाती है।लेकिन अधिकांश मामलों में एमवी एक्ट के तहत पुलिस कार्यवाही कर अपना पल्ला झाड़ लेती है।
“अवैध खनन को लेकर प्रशासन सख्त है।मैंने स्वयं क्षेत्रीय लेखपालों से रिपोर्ट मंगवाई है।जहां भी अवैध खनन का मामला आएगा कार्यवाही तय है।”
स्वप्निल यादव एसडीएम रूदौली