तारुन अयोध्या: गरीब दिव्यांग ने DM से लगाई गुहार, कहा- मुझे न्याय नहीं मिला तो कर लूंगा आत्मदाह

*दिव्यांग से पंचायत सचिव ने मांगा 10 हजार रुपए घूस, न देने पर आवास की लिस्ट से नाम काटने की दी धमकी*
*गरीब दिव्यांग ने DM से लगाई गुहार, कहा- मुझे न्याय नहीं मिला तो कर लूंगा आत्मदाह*
तारुन, अयोध्या।
*दिव्यांग होना दुर्भाग्य है। गरीब होना उससे भी बड़ा दुर्भाग्य है। इस बात को गांव का पंचायत सचिव साबित करने पर तुला है। एक दिव्यांग को दस हजार रुपए घूस न देने पर प्रधानमंत्री आवास की सूची से नाम काटने की धमकी दी है।*
बताते चलें कि देश की सभी कल्याणकारी योजनाएं गरीबों, असहायों और दिव्यांगों के लिए संचालित होती हैं, लेकिन इन योजनाओं के साथ परछाई की तरह भ्रष्टाचार साथ चल पड़ता है। फलस्वरूप पात्र व्यक्तियों तक योजनाएं नहीं पहुंच पाती हैं। जबकि सरकार भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था का दावा करती है। लेकिन तारुन ब्लाक में बहुत कुछ गड़बड़झाला चल रहा है। यहां दिव्यांग को भी नहीं बक्शा जा रहा है। सरकार से मिलने वाले प्रधानमंत्री आवास में ग्राम पंचायत सचिव ने ऐसा खेल खेला कि पीड़ित गरीब दिव्यांग ने न्याय न मिलने पर आत्मदाह की बात करते हुए थाना तारुन, बीडीओ तारुन व जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया है।
*बताते चलें कि मामला ग्राम फतेहपुर कमासिन का है। यहाँ के गरीब दिव्यांग राकेश कुमार गिरी पुत्र श्याम नरायन गिरी ने जिलाधिकारी व बीडीओ तारुन को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया है कि उसकी पत्नी कमलेश के नाम आवास आया है। वर्तमान ग्राम पंचायत अधिकारी आवास के लिए 10 हजार रुपए की मांग कर रहे हैं। पैसा न दे पाने पर आवास से नाम काटकर वापस करने की धमकी दे रहे हैं। पीड़ित ने जिलाधिकारी, थानाध्यक्ष तारुन व बीडीओ तारुन को प्रार्थना पत्र देकर गुरुवार यानी 12 जनवरी तक न्याय दिलाने की मांग किया है। न्याय न मिलने पर कहीं भी आत्मदाह करने की बात कही है।* इस बाबत बीडीओ अनीश मणि पाण्डेय का कहना है कि है कि पात्रता की श्रेणी में होने पर आवास का लाभ मिलेगा। जाँच करने में जिसने भी गलत किया है, उसके ऊपर बैधानिक कार्यवाही की जायेगी। वहीं ग्राम प्रधान कृपाशंकर ने बताया कि दिव्यांग राकेश कुमार के पास मकान के नाम पर केवल छप्पर है। उसकी पत्नी कमलेश का नाम भी आवास की सूची में है। बावजूद इसके ग्राम पंचायत सचिव ने मनमानी करते हुए उसका नाम कटवा दिया है।
