योगी कार्यकाल में अबतक 183 अपराधियों का हुआ एनकाउंटर, देखिए लिस्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के झांसी में माफिया डॉन अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के बेटे असद अहमद (Asad Encounter) व शूटर गुलाम के एनकाउंटर को लेकर विपक्षी दलों ने निशाना साधा है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने जहां इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है वहीं पूर्व सीएम और सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बीजेपी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। हालांकि सीएम योगी के मुख्यमंत्रित्व काल में ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब एनकाउंटर को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की हो। सीएम योगी के दोनों कार्यकाल के दौरान अबतक 183 अभियुक्त पुलिस कार्रवाई में यानी कि एनकाउंटर में मारे गए हैं। इसमें 5 हजार से लेकर 5 लाख तक के (विकास दुबे) जैसे ईनामी शामिल हैं।
दरअसल 2017 में यूपी की सत्ता में एक लंबे अरसे बाद बीजेपी के वापसी करने पर पार्टी नेतृत्व ने योगी आदित्यनाथ को यूपी की जिम्मेदारी सौंपते हुए उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया था। वहीं सीएम योगी ने अपने पहले कार्यकाल से ही जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करते हुए अपराध व अपराधियों पर लगाम लगाने के लिये नकेल कसनी शुरू कर दी थी। इसी क्रम में बड़े स्तर पर एक ओर जहां अवैध रूप से अर्जित की गई सम्पत्ति पर बुलजोडर गरजा है व जब्तीकरण की कार्रवाई की गई है वहीं पुलिस के जवानों अपराधियों से मोर्चा लेते हुए उन्हें एनकाउंटर में मार भी गिराया है। इस दौरान कई पुलिस के जवान भी शहीद हो गए हैं।
योगी सरकार के दोनों यानी कि 6 साल के कार्यकाल में एक-दो नहीं बल्कि 181 अपराधी पुलिस की जवाबी फायरिंग में ढेर हुए है। असद अहमद और शूटर गुलाम का एनकाउंटर मिलाकर यह आंकड़ा 183 पहुंच जाता है। एक दावे के अनुसार, इसमें 57 अपराधी मुस्लिम धर्म से व अन्य 126 अपराधी हिंदू धर्म के थे। वहीं जारी हुई लिस्ट के अनुसार, 31 मार्च 2017 में सहारनपुर जिले में गुरमीत नाम का अभियुक्त पुलिस की कार्रवाई में मारा गया था तब से लेकर 12 अप्रैल 2023 तक कुल 181 अपराधी पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुए हैं। 12 अप्रैल को ढाई लाख के इनामी आदित्य राना का बिजनौर में एनकाउंटर हुआ था। असद व गुलाम का एनकाउंटर 12 अप्रैल के बाद हुआ है। इसमें विशेष रूप से एसटीएफ टीम की एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
किस साल कितने अपराधी एनकाउंटर पर मारे गए-
- साल 2017 में 28 अपराधी ढेर हुए।
- साल 2018 में सबसे ज्यादा 41 अभियुक्त पुलिस कार्रवाई में मारे गए।
- साल 2019 में 34 अपराधी मारे गए।
- साल 2020 और 2021 में 26-26 अभियुक्त ढेर हुए।
- साल 2022 में 14 अपराधी ढेर हुए।
- साल 2023 में 12 अप्रैल तक 12 अपराधी मारे गए हैं।
जानकारी के मुताबिक, 20 मार्च 2017 से प्रदेश में 10,900 से अधिक पुलिस मुठभेड़ हुई हैं, जिनमें 23,300 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। जबकि 5 हजार से ज्यादा अपराधी घायल हुए हैं। मुठभेड़ के दौरान 2017 से अबतक कुल 183 अपराधी मारे जा चुके हैं। वहीं पुलिस मुठभेड़ों में घायल होने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या भी 14 सौ से ज्यादा बताई जा रही है। यूपी पुलिस के दावे के अनुसार, 2017 से अबतक कुल 13 पुलिसकर्मी भी शहीद हो गए हैं।
वहीं यूपी की मुख्य विपक्षी पार्टी योगी सरकार में हो रहे एनकाउंटर पर लगातार हमला बोलते हुए उसे सवालों के कटघरे में खड़ा कर रही है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल ने एक ट्वीट में एक लिस्ट जारी करते हुए लिखा है कि, “ये सब क्या योगी जी के खासमखास हैं?, दरअसल ये सब योगी जी के स्वजातीय हैं। इसीलिए अभी तक बचे भी हुए हैं और अपराध भी कर रहे और गिरोह भी चला रहे और हत्या, बलात्कार, लूट, डकैती, वसूली, रंगदारी कर रहे हैं। ट्वीट में एक नोट जोड़ते हुए कहा है, नोट- लिस्ट पुरानी है, लेकिन इसमें ज्यादातर अपराधी भाजपा समर्थित हैं और सक्रिय हैं।
सपा द्वारा जारी सूची में इनके नाम
- कुलदीप सिंह सेंगर, 28 मुकदमे (उन्नाव)
- बृजेश सिंह 106 मुकमदे (वाराणसी)
- धनंजय सिंह 46 मुकदमे (जौनपुर)
- राजा भईया 31 मुकदमें (प्रतापगढ़)
- डॉ. उदयभान सिंह 83 मुकदमे (भदोही)
- अशोक चंदेल 37 मुकदमें (हमीरपुर)
- विनीत सिंह 34 मुकदमें (चंदौसी)
- बृजभूषण सिंह 84 मुकदमें (गोंडा)
- चुलबुल सिंह 53 मुकदमें (वाराणसी)
- सोनू सिंह 57 मुकदमें (सुल्तानपुर)
- मोनू सिंह 48 मुकदमें (सुल्तानपुर)
- अजय सिंह सिपाही 81 मुकदमें (मिर्जापुर)
- पिंटू सिंह 23 मुकदमें (बस्ती)
- सन्नी सिंह 48 मुकदमें (देवरिया)
- संग्राम सिंह 58 मुकदमें (बिजनौर)
- चुन्नू सिंह 42 मुकदमें (महोबा)
- बादशाह सिंह 88 मुकदमें (महोबा)