अयोध्या : इंटर्नशिप के छात्रों के सहारे चल रहा संयुक्त चिकित्सालय कुमारगंज , मरीज परेशान
अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार,सीएमएस ही समय से नहीं पहुंचते अस्पताल
मिल्कीपुर(अयोध्या) ! जिले की सीमा स्थित 100 सैया संयुक्त चिकित्सालय कुमारगंज इन दिनों पैरामेडिकल कॉलेज से इंटर्नशिप पर आए छात्र-छात्राओं के सहारे चल रहा है जिसका परिणाम है कि अस्पताल आने वाले मरीजों को अव्यवस्थाओं से जूझना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला सोमवार को अस्पताल भवन स्थित पैथोलॉजी में देखने को मिला।
जहां लैब टेक्नीशियन के स्थान पर प्रतिस्थानी इंटर्नशिप पर आए छात्र को अस्पताल प्रशासन द्वारा बैठा दिया गया था, जो ब्लड सैंपल देने पहुंचे मरीजों को ब्लड निकालने के नाम पर 5 से 8 बार सुई निडिल चुभोंकर घायल कर दे रहा था। मामले की शिकायत पीड़ित मरीज ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी संहिता अस्पताल के सीएमएस से करते हुए कार्रवाई की मांग की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मसेढ़ा गांव निवासी नरसिंह अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराने संयुक्त चिकित्सालय सोमवार को आए थे जहां मेडिकल ऑफिसर डॉ दुर्ग विजय ने उन्हें ब्लड जांच लिख दिया। वह पथल जी लाइव पहुंचे जहां बी फार्मा की पढ़ाई कर रहे इंटर्नशिप पर आए छात्र सुरजीत कुमार ने उनका ब्लड सैंपल लेना शुरू किया 5 बार लगातार सुइयां चुभने के बावजूद भी वह ब्लू सैंपल नहीं ले सका। इस पर मरीज ने दर्द से कराहते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ अनिल कुमार से पूरे मामले की शिकायत की। उधर माजरा भांप छात्र मौके से भाग निकला। हंगामा होने के बाद पैथोलॉजी के सहायक लैब टेक्नीशियन रंजीत यादव मौके पर पहुंचे और उन्होंने पीड़ित मरीज को शांत करते हुए ब्लड सैंपल लिया। यह तो मात्र वानगी भर है। अस्पताल के प्रत्येक पटल जैसे दवा वितरण कक्ष, एक्स-रे कक्ष, सहित अन्य महत्वपूर्ण पटलों पर इंटर्नशिप पर आए छात्र-छात्राओं को तैनाती दे दी गई है। जिनकी आड़ में अस्पताल के जिम्मेदार स्वास्थ्य कर्मी अपने पटलों से गायब होकर मौज उड़ाते हैं। घटनाक्रम के बाद पीड़ित ने सीएमएस को शिकायती पत्र देकर कार्यवाही की गुहार की है। इस संबंध में अस्पताल अधीक्षक डॉ अनिल कुमार का कहना है कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं था, मैं जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करूंगा। सीएमएस डॉक्टर अनिल कुमार 11:00 बजे तक अस्पताल नहीं पहुंच सके थे। ऐसे में अस्पताल कर्मियों में मनमानी एवं लापरवाही पूरी तरह से हावी होना स्वाभाविक है।