योगी सरकार की पहले से की गई तैयारी ने टाला बड़ा हादसा,दो मिनट में पहुंच गई थी दमकल विभाग की कई टीम
प्रयागराज : महाकुंभ को लेकर योगी सरकार की व्यापक तैयारी का ही नतीजा था कि रविवार को बड़ा हादसा टल गया। आग लगने की सूचना मिलते ही महज दो मिनट में अग्निशमन विभाग की गाड़ी मौके पर पहुंच गई। इसके बाद एक-एक कर 45 गाड़ियां पहुंचीं।करीब 1.5 घंटे के अथक प्रयास के बाद आग को पूरी तरह बुझा लिया गया। घटना में कोई जनहानि नहीं हुई।
महाकुंभ मेला के नोडल मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि खाना बनाते समय गैस सिलिंडर से लगी आग ने कुछ ही समय में विकराल रूप ले लिया। आग ने तेजी से घास-फूस की बनी झोपड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया। मेला कंट्रोल रूम ने तुरंत आरटी सेट के माध्यम से फायर स्टेशन कोतवाली झूंसी और अन्य फायर इकाइयों को सतर्क किया।आग की भयावहता को देखकर पास के सभी फायर स्टेशनों से गाड़ियां मंगाई गईं। आग बुझाने के दौरान तीन सिलिंडर फटे। इसके बावजूद अग्निशमन विभाग के जांबाज कर्मियों ने जान की परवाह किए बिना करीब 30 लोगों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया। इसके साथ ही 200-300 अस्थायी पंडालों को पानी की बौछारें मारकर सुरक्षित किया गया। उपनिदेशक अग्निशमन अमन शर्मा और स्वयं मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने बचाव कार्य का नेतृत्व किया।
131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों से लैस किया गया है अग्निशमन विभाग
महाकुंभ में लाखों कल्पवासी और करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। यह अपने साथ खाना बनाने का सामान भी लाते हैं। ऐसे में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए इस बार योगी सरकार ने व्यापक इंतजाम किए थे। पूरे मेला क्षेत्र में 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट बनाए गए हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 4,300 फायर हाइड्रेंट बनाए गए हैं।महाकुंभ क्षेत्र को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए योगी सरकार ने विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित किया है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपये की लागत से वाहन व उपकरणों की व्यवस्था की गई है। इतना ही नहीं अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन और दो हजार से अधिक प्रशिक्षित फायरकर्मियों को डिप्लॉय किया गया है।प्रत्येक अखाड़ों के टेंट अग्निशमन उपकरणों से भी लैस किए गए हैं। यहीं नहीं, मेले की शुरुआत से पूर्व एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ दर्जनों मॉक ड्रिल का भी आयोजन किया गया, जिनका हादसे को रोकने में महत्वपूर्ण योगदान रहा।