65 लाख रुपये की लूट की घटना का ‘पर्दाफाश’, BSF के पूर्व सुरक्षाकर्मी समेत 10 गिरफ्तार

पुलिस ने इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।
रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक परिवार से 65 लाख रुपये के कैश और गहनों की कथित तौर पर लूट के मामले का ‘पर्दाफाश’ हो गया है। अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, इस मामले में पुलिस ने सीमा सुरक्षा बल यानी कि BSF के एक पूर्व सुरक्षाकर्मी समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। बत दें कि 11 फरवरी को शिकायतकर्ता मनोहरण वेलू ने आरोप लगाया था कि फौजी वर्दी में कुछ लोग उसके घर में घुसे थे और पिस्तौल दिखाकर लूटपाट की थी।
‘शिकायतकर्ता परिवार का परिचित निकला आरोपी’
अधिकारियों के मुताबिक, शहर के खम्हारडीह थानाक्षेत्र के अंतर्गत अनुपम नगर इलाके में मंगलवार को दिनदहाड़े हुई इस लूट के केस में पुलिस ने रायपुर के रहने वाले BSF के पूर्व सुरक्षाकर्मी 56 वर्षीय ए सोम शेखर, 45 वर्षीय देवलाल वर्मा, 31 वर्षीय कमलेश वर्मा, भिलाई के रहने वाले 38 वर्षीय अजय ठाकुर, राजनांदगांव के रहने वाले 43 वर्षीय राहुल त्रिपाठी, उसकी 41 वर्षीय पत्नी नेहा त्रिपाठी, बलौदाबाजार के रहने वाले 33 वर्षीय पुरूषोत्तम देवांगन, नागपुर के रहने वाले 36 वर्षीय शाहिद पठान, 23 वर्षीय पिंटू सारवान और बिलासपुर के रहने वाले 31 वर्षीय मनुराज मौर्य को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि सोम शेखर शिकायतकर्ता के परिवार का परिचित है।
‘पिस्तौल दिखाकर कैश और सोने के गहने लूट लिए’
अधिकारियों ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 11 फरवरी को अनुपम नगर के रहने वाले मनोहरण वेलू ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया था कि जब वह अपनी 2 बहनों रंजनी और प्रेमा के साथ घर में थे तब दोपहर बाद लगभग 03:30 बजे 2 लोग आर्मी की वर्दी में वहां पहुंचे और बातचीत करने लगे। वेलू ने बताया कि दोनों लोगों के मुंह रूमाल से ढके हुए थे। उन्होंने बताया कि इसके बाद एक महिला समेत 3 अन्य लोग भी वहां पहुंच गए और घर में घुसे लोगों ने पिस्तौल दिखाकर तीनों भाई-बहन को बंधक बना लिया। शिकायतकर्ता ने बताया कि इसके बाद उनसे 65.25 लाख रुपये कैश व सोने के गहने लूट लिए।
‘CCTV फुटेज को खंगालने पर नजर आए आरोपी’
मनोहरण वेलू ने अपनी शिकायत में कहा कि घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी एक कार में सवार होकर मौके से फरार हो गए। अधिकारी ने बताया कि पुलिस को जब घटना के बारे में जानकारी मिली तब शहर में नाकाबंदी कर आरोपियों की खोज शुरू की गई। उन्होंने बताया कि पुलिस ने केस की गंभीरता को देखते हुए क्राइम ब्रांच की 10 स्पेशल टीमों का गठन किया और लोगों से पूछताछ शुरू की। अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान मौका-ए-वारदात के आसपास लगे CCTV कैमरों की फुटेज को खंगाला गया और उसमें पता चला कि एक महिला और 4 पुरुष एक कार से वहां पहुंचे थे और उन्होंने ही घटना को अंजाम दिया।
‘पूछताछ के दौरान आरोपियों ने गुनाह कबूला’
अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को एक दूसरी कार के भी इसमें शामिल होने के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने बताया कि बाद में पुलिस ने राजनांदगांव, दुर्ग, बिलासपुर, नागपुर, बलौदा बाजार एवं रायपुर में दबिश देकर 10 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उन्होंने बताया कि आरोपी ए. सोम शेखर BSF में सूबेदार के पद पर था और उसने 2011 में VRS ले लिया था। अधिकारी ने बताया कि मौजूदा समय में सोम शेखर ‘रियल हेल्प’ नाम के NGO से जुड़ा है।
‘सोम शेखर को पता था कि घर में रुपये हैं’
अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि सोम शेखर का शिकायतकर्ता परिवार से घरेलू रिश्ता था और उसे जमीन बेचकर घर में रुपये रखे होने के बारे में जानकारी मिली थी। उन्होंने बताया कि आरोपी सोम शेखर ने ही घर में डाका डालने की प्लानिंग की थी और इसमें बाकी के आरोपियों को शामिल किया था। अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से 59 लाख 50 हजार रुपये नकद और सोने के गहने को बरामद कर लिया है तथा अपराध में इस्तेमाल की गई 2 गाड़ियों को जब्त कर लिया है।
