हमारे बारे में –
खबरों की चौपाल एक वेब और मोबाइल पर आधारित न्यूज (पोर्टल) नेटवर्क है। जिसे नागरिक पत्रकारिता और पाठकों की राय व विचारों पर जोर और बढ़ावा देने की दृष्टि से ही स्थापित किया गया है , जो बिना किसी शुल्क के हर छोटी बड़ी खबरें आप तक पहुचायेंगे। बिगत कई वर्षो से खबरों की चौपाल आप तक खबरों को निष्पक्षता के साथ पहुँचाता रहा है। इस न्यूज़ पोर्टल का उद्देश्य जनसमस्याओं, घटित घटनाओं,शिक्षा, विज्ञापन और भी कई भूमिकाओं जिससे आम जनता को फायदा मिल सके। हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि आम जनता को पोर्टल का भरपूर आनंद और फायदा मिल सकें। हमारा किसी भी राजनीतिक दल या विचारधारा से कोई लेना देना नहीं है!
क्या है नागरिक पत्रकारिता
सवाल उठता है कि आखिर नागरिक पत्रकारिता है क्या? क्या यह सिर्फ इंटरनेट, ब्लॉग्स आदि तक सीमित है या उसकी जद्दोजहद सिर्फ मुख्यधारा के मीडिया में अपने लिए जगह हासिल करने तक ही सीमित है? क्या नागरिक पत्रकारिता की भूमिका किसी टीवी चैनल को कोई वीडियो फुटेज भेज देने तक सीमित है या यह उससे आगे भी जाती है? कहने की ज़रूरत नहीं है कि नागरिक पत्रकारिता को लेकर काफ़ी भ्रम हैं और बहुतेरे मीडिया विश्लेषक उसे सार्वजनिक मामलों या जन-सुविधाओं की पत्रकारिता का ही एक रूप या विस्तार मानते हैं। सिटिज़न जर्नलिज्म को लेकर तरह तरह की आशंकाएं हैं। नागरिक पत्रकारिता के कई पहलू हैं इसके बावजूद नागरिक पत्रकारिता की अवधारणा को लेकर एक सहमति बनती हुई दिखाई पड़ रही है। “नागरिक पत्रकारिता से अभिप्राय सांझेदारी पर आधारित एक ऐसी पत्रकारिता से है जिसमें आम नागरिक स्वयं सूचनाओं के संकलन, विश्लेषण, रिपोर्टिंग और उनके प्रकाशन-प्रसारण की प्रकिर्या में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।” नागरिक पत्रकारिता सार्वजनिक मामलों की पत्रकारिता से इस मामले में अलग है कि पत्रकारिता में प्रोफेशनल पत्रकारों की बजाये आम नागरिक पत्रकार की भूमिका निभाते हैं। हाल के वर्षों में संचार माध्यमों की तकनीक में विकास और उनके व्यापक प्रसार के बाद आम लोगों के हाथ में भी ऐसे उपकरण जैसे कैमरा फ़ोन, हैंडीकैम आदि आ गए हैं जो अब तक सिर्फ चैनलों के पास थे। आम तौर पर जब कोई बड़ी दुर्घटना होती है तो संयोगवश बहुतेरे दर्शक वहाँ मौजूद होते हैं और उनमें से कई अपने कैमरा फ़ोन या हैंडीकैम से उसकी तस्वीरें उतारने में भी कामयाब हो जाते हैं।क्योंकि अचानक होने वाली घटनाओं के समय चैनलों के पत्रकार और कैमरा टीमों का वहां होना संभव नहीं होता तो उस समय इस तरह की वीडियो फुटेज की माँग बढ़ जाती है । यह भी नागरिक पत्रकारिता का एक रूप है।